पत्नी को थप्पड़ मारना गलत है.
जो थप्पड़ किसी भी हाल में, कितने भी दुखी, उदास या क्रोधित होने पर भी अपनी माँ या बॉस पर न उठ पाए, उसका पत्नी पर उठ जाना गलत है.
पत्नी को थप्पड़ मार देने का अफ़सोस न होना गलत है.
थप्पड़ मार देने पर शर्मिंदगी महसूस न होना गलत है.
जब थप्पड़ खाकर पत्नी रात भर सो न पाए तब बिना उसकी सुध लिए मुंह फेरकर गहरी नींद में सो जाना गलत है.
थप्पड़ खाकर पत्नी के नाराज़ होने पर गुस्सा करना गलत है.
थप्पड़ खाकर पत्नी के नाराज़ होने के हक़ को छीन लेना गलत है.
थप्पड़ खाकर पत्नी से सब कुछ भूल जाने की अपेक्षा करना गलत है.
थप्पड़ मारने के बाद सब कुछ पहले जैसा हो जाने की उम्मीद करना गलत है.
थप्पड़ खाकर पत्नी के बात ना करने पर ये सोचना कि वह बातों को तूल दे रही है, गलत है.
थप्पड़ को “बस इतनी सी बात” समझना गलत है...
गलत है...
पत्नी को थप्पड़ मारना गलत है...